हिचकिचाते हो
सही को सही बताने में !
क्यों इतना हिचकिचाते हो !!
गर उड़ान भरी विश्व गुरू की !
क्यों पर कतरना चाहते हो !!
धारा 370 हटाकर !
नहीं हुआ महापाप !!
घर में घुसकर बैठे थे !
आस्तीन के सांप !!
विष उगलते इन नागों को !
क्यों दूध पिलाए जाते हो !!
गर फन जो कुचले इन नागों के !
क्यों तुम इतना घबराते हो !!
एक देश एक तिरंगा !
एक ही हो संविधान !!
देश के इस पावन पर्व पर !
क्यों ग्रहण लगाते हो !!
सही को सही बताने में !
क्यों इतना हिचकिचाते हो !!
पीठ पीछे घोंप दिया कायर ने खंजर !
पुलवामा का हृदय विदारक वो मंजर !!
क्या हमने ही घोंपा था !
पीठ में अपने वो खंजर !!
निंदा की तो बात अलग है !
तेरे तो सवाल अलग है !!
भीष्म प्रतिज्ञा दुश्मन दंग !
दिल में ज्वाला आँखे नम !!
बदला लेके रहेंगे हम !
घर में घुसकर मारेंगे हम !!
दुश्मन को हमने ललकारा !
घर में घुसकर ही हमने मारा !!
सैनिकों की वीरता पर !
क्यों प्रश्न चिन्ह लगाते हो !!
कुर्सी की खातिर !
क्यों गर्द उड़ाते हो !!
सही को सही बताने में !
क्यों इतना हिचकिचाते हो !!
वोट बैंक के बीज उगाए !
मजहबी खेती तुम करते आए !!
देश का निकाला दिवाला !
जातो को भी वोट में ढाला !!
कहीं यादव कहीं हरिजन !
कहीं गुज्जर, जाटों के समुदाय !!
कहीं बनिये कहीं पंडत !
अपना - अपना गड़ बनाए !!
हिन्द के इस हिन्दु को !
खण्ड-खण्ड तुम करते आए !!
त्रेता युग में वनवास मिला !
कलयुग में भी वनवास !!
गर घर लौटे राम !
क्यों उपहास उड़ाते हो !!
हिन्दु राष्ट्र के नाम से !
क्यों तुम घबराते हो !!
राम राज्य में खुशहाल सभी !
क्यों मन में शंका लाते हो !!
सही को सही बताने में !
क्यों इतना हिचकिचाते हो !!
विपिन बंसल
ऋषभ दिव्येन्द्र
18-Oct-2021 01:28 PM
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ 👌👌
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Aliya khan
18-Oct-2021 10:41 AM
बहुत खूब
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Niraj Pandey
18-Oct-2021 10:09 AM
बहुत ही बेहतरीन
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